आज कल की दुनिया
आज कल की दुनिया में कोई इनसानियत नहीं बची हैं -
१ कहीं लोग बम फ़ोड़ रहैं हैं
२ और कहीं लोग गाड़ीया तोड़ रहैं हैं
३ सरकार हाथ धरे बैठी है
४ चंद वोटों की खातिर सरकार एक दुसरों को लड़वा रही है
५ कहीं लोग पेड़ काट रहैं हैं जिसकी वज़ह से धरती का वातावरण बिगड़ रहा है
६ अभी ताज होटल में आपरेशन चल ही रहा था, की नेता लोग वोट मागंने निकल पड़े
७ नेता लोग बस अफसोस ही करते रहे जाते है
८ महँगाई आसमान चूम रही है
९ पोलयोशन दिनों-दिन बड़ता जा रहा है
आज की दुनिया का यही हाल है
2 comments:
सही बात है।
bilkul sahi bat.
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